दुआए फरज 2
काफअमी अपनी किताब "बलादुल अमीन" में कहते हैं, "अगर कोई शख्स बिना वजह क़ैदी या बंदी बना लिया गया है, अगर इस दुआ को पढेगा तो उसे तुरंत रिहाई मिलेगी! अगर कोई शख्स अपने आप को बदकिस्मती या षड्यंत्रों या तंग स्थितियों से घिरा हुआ पाता है तो उसके लिए यह दुआ उसके संकट से निकलने के बेहतरीन माध्यम है! यह दुआ इमामे ज़माना (अ:त:फ) को ज़िम्मेदार ठहराते हुए मोमिनो की परेशानियों को जल्द ख़तम करने और उनको तत्काल मदद पहुंचाने में अत्यधिक कारगर साबित हुई है! वोह दुआए फर्रज यह है :
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
अल्लाहूम्मा सल्ले अला मोहम्मदीन वा आले मोहम्मद
इलाही अ’ज़ुमल बला, व बरिहल ख़फा
व’न कशाफल ग़ीत-आ’,व’न क़त’अर-रजा
व’ जक़तिल आरज़ू व मुनि’अतिस समा
व-अन्तल मुस्ता’अनु व-इलैकल मुश्तका
व-अलैकल मु’अ-वालु फी शिद’दती वर’रख़ा
अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मदीन व आले मुहम्मद
ऊलिल अमरिल लज़ीना फरज्ता अ'लय्ना तअ ‘अताहुम
व’अर’रफ्तना बिज़ालिका मन्ज़िलतहुम
फ़ा फ़र’रिज ‘अन’ना बिहक़’किहीम फरजन ‘आजिलन
करीबन कलामिहिल बासरी औ हूवा अक़रब
या मुहम्मदु , या अलियों, या अलियों, या मुहम्मद
इक फियानी फ़ा इन्नाकुमा काफियान
वनसुरानी फ़ा इन्नाकुमा नासिरान
या मौलाना या साहिबज़ ज़मान
अल-गौस,अल-गौस,अल-गौस
अद्रिक्नी, अद्रिक्नी, अद्रिक्नी
अस-साअत,अस-साअत, अस-साअत
अल-अजल, अल-अजल, अल-अजल
या अर्हमर राहिमीन , बी-हक़की मुहम्मदीन व आलिहि ताहिरिन
अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मदीन व आले मुहम्मद
हिन्दी अनुवाद
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
ऐ अल्लाह मुहम्मद और आले मुहम्मद पर अपनी सलामती रख़
ऐ माबूद, मुसीबत बढ़ गयी है, दर्द निहा ज़ाहिर हो गया है
आज़माइश बड़ी हो चुकी,राज़ फाश हो चुके,उम्मीदें टूट गयीं
आज़माइश बड़ी हो चुकी,राज़ फाश हो, चुके, उम्मीदें टूट गयीं, परदे चाक हो गए, ज़मीन तंग हो चुकी और आसमानों को(रहमत) से रोक दिया गया.
परवरदिगार! तेरी बारगाह में शिकायत करता हूँ
और सख्ती और आसानी में मेरा भरोसा तुझ पर है.
ऐ अल्लाह मुहम्मद और आले मुहम्मद पर अपनी सलामती भेज
जो साहिबाने अम्र हैं,जिन की इताअत तू ने हम पर फ़र्ज़ क़रार दी है
और यूँ तू नहीं उन का मक़ाम ओ मंज़िलत हम पर आशकार किया है
पस उन के सदके में हमारे लिए इस क़दर जल्दी दुखों से छुटकारा पाने की राह खोल दे
जैसे आंख का झपकना या उस से भी जल्दी
या मुहम्मदु , या अलियों, या अलियों, या मुहम्मद
मेरी किफायत करें क्यूँकी आप दोनों किफ़ायत करने वाले हैं
मेरी मदद करें क्योंकि आप दोनों ही मददगार और सरपरस्ती करने वाले हैं हैं
ऐ मेरे मौला, ऐ साहिब-ए-ज़मान(अ:त:फ),
मेरी फरयाद को पहुंचें, मेरी फरयाद को पहुंचें, मेरी फरयाद को पहुंचें,
मेरी मदद करें, मेरी मदद करें, मेरी मदद करें
इसी घड़ी इसी सा-अत इसी लम्हे
जल्द अज़ जल्द, जल्द अज़ जल्द, जल्द अज़ जल्द, अल-अजल, अल-अजल, अल-
ऐ रहम करने वालों में सब से ज़्यादा रहम करने वाले
ऐ अल्लाह मुहम्मद और आले मुहम्मद पर अपनी सलामती रख़
अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मदीन व आले मुहम्मद