उलेमा व मराजे
आयतुल्लाह ख़ामेनेई कितना वेतन पाते हैं
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- अनुवादकः सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी
सुप्रीम लीडर होने के नाते उनके वेतन के बारे में पूछा तो उत्तर में उन्होंने जो कहा वह चकित कर देने वाले था आप कहते हैः क्या मैं कोई काम भी करता हूँ जिसके लिये वेतन लूँ?
ईरान के समकालीन बुद्धिजीवी
- में प्रकाशित
इमाम ख़ुमैनी ने बचपन में ही अपनी प्रवीणता के सहारे अरबी साहित्य, तर्कशास्त्र, धर्मशास्त्र और इसी प्रकार उस समय प्रचलित बहुत से ज्ञानों के आरंभिक भाग की शिक्षा प्राप्त कर ली थी
शहीद मुर्तज़ा मुतहरी
- में प्रकाशित
फ़िलिस्तीनी जनता के बारे में शहीद मुतहरी का भाषण हिलाकर रख देने वाला और इतना प्रभावित करने वाला है कि अभी भी कभी कभी ईरान के विभिन्न संचार माध्यमों से फ़िलिस्तीन के पीड़ितों के समर्थन में प्रसारित होता है।
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली हुसैनी सीसतानी
- में प्रकाशित
सन् 1360 हिजरी में अपने वालिदे बुज़ुर्गवार के हुक्म से दीनी तालीम शुरु की और अरबी अदबी की कुछ किताबें जैसे शरहे अलफ़िया इब्ने मालिक, मुग़नी इब्ने हिशाम, मुतव्वले ताफ़ताज़ानी, मक़ामाते हरीरी और शरहे निज़ाम, मरहूम अदीब नैशापूरी और दूसरे उस्तादों से पढ़ी
पैकरे इख़्लास आयतुल्ला बुरुजर्दी
- में प्रकाशित
अल्हाज आका हुसैन सन 1319 हिजरी में पहले इस्फ़हान से अपने वतन बुरुजर्द तशरीफ ले गए फिर वालिद के हुक्म से नजफ़े अशरफ़ का रुख़ किया
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा हाज शेख नासिर मकारिम शीराज़ी
- में प्रकाशित
उन्होने क़ुम मे मदरसा-ए-अमीरूल मोमिनीन, मदरसा-ए- इमाम हसन मुजतबा व मदरसा-ए- इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की स्थापना भी की।
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा हाज शेख लुत्फ़ुल्लाह साफ़ी गुलपायगानी
- में प्रकाशित
उनके पिता आयतुल्लाह आखुन्द मुल्ला मुहम्मद जवाद साफ़ी गुलपायगानी एक वरिष्ठ आलिम थे उन्होने ने बहुत सी किताबें भी लिखी हैं।
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा हाज सैय्यिद अली हुसैनी खामनई
- में प्रकाशित
उन्होने होज़े इल्मिया की सतह अव्वल के पाठ्य क्रम को साढ़े पाँच वर्ष के समय मे पूर्ण किया।
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा हाज सैय्यिद मूसा शुबैरी ज़नजानी
- में प्रकाशित
इनके पिता आयतुल्लाह हाज सैय्यिद अहमद ज़नजानी होज़े इल्मिया क़ुम के प्रसिद्ध विद्वानों मे गिने जाते थे।
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा हाज शेख मुहम्मद फ़ाज़िल लंकरानी
- में प्रकाशित
उन्होने अपनी प्रारम्भिक व उच्चय शिक्षा को 6 वर्ष के समय मे पूर्ण करके 19 वर्ष की आयु मे दर्से खारिज मे शिरकत की।
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा हाज शेख हुसैन वहीद खुरासानी
- में प्रकाशित
27 वर्ष की आयु मे वह अपनी शिक्षा को पूर्ण करने के उद्देश्य से नजफ़े अशरफ़ गये और वहाँ पर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यिद अबुल क़ासिम खुई से ज्ञान लाभ प्राप्त किया।
अल्लामा असकरी
- में प्रकाशित
अल्लामा अस्करी ने वर्षों तक इराक़ में संघर्ष के बाद जब वहां की स्थिति अपने लिए अत्याधिक खराब देखी तो अपनी पैतृक भूमि व जन्म स्थली ईरान चले आए।
आयतुल्लाह सैयद मुहम्मद हुसैनी बहिश्ती
- में प्रकाशित
सैयद मोहम्मद इन महान गुरुओं की सेवा में उपस्थित हुए और उच्च इस्लामी शिक्षा प्राप्त की। वे अपने समस्त गुरुओं में, इमाम खुमैनी स विशेष श्रद्धा रखते थे
आयतुल्लाह जवादी आमुली
- में प्रकाशित
उन्होंने इस चीज़ को बयान करने के लिए एक पुस्तक लिखी जिसका अनुवाद है धर्म से मनुष्य की आशा। महान बुद्धिजीवी जीवन में धर्म और मनुष्य के लोक परलोक के कल्याण की पूर्ति में धर्म को अतिआवश्यक समझते हैं।
अल्लामा मुहम्मद तकी जाफरी
- में प्रकाशित
नजफ में भी उन्हें बहुत सी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा किंतु ज्ञान में रूचि के कारण उन्होंने सभी समस्याओं का सहन किया
इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह
- में प्रकाशित
उनके दृष्टिकोण में जिस प्रकार से धर्म, राजनीति से अलग नहीं है उसी प्रकार सरकार भी जनता से अलग नहीं है। वे इस संबंध में कहते हैः“ हमारी सरकार का स्वरूप इस्लामी गणतंत्र है।
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा हाज शेख मुहम्मद तक़ी बहजत
- में प्रकाशित
सन् 1352 हिजरी क़मरी मे अपनी शिक्षा को पूर्ण करने के उद्देश्य से उन्होने नजफ़ की यात्रा की तथा वहाँ रूक कर अखुंद खुरासानी के एक शिष्य से ज्ञान लाभ प्राप्त करते हुए आयतुल्लाह आक़ा ज़िया इराक़ी तथा
आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई
- में प्रकाशित
14 वर्ष की आयु में एक प्रतिष्ठित धर्म शिक्षा केन्द्र से जुड़ गये किंतु इस के साथ ही आप ने आधुनिक शिक्षा का क्रम भी जारी रखा।
आयतुल्लाह शहीद मुहम्मद बाक़िरुस सद्र 2
- में प्रकाशित
शहीद सद्र ने अपनी इल्मी हयात में बहुत से ग्रान कद्र शागिर्दों की तर्बियत की। जिन में से बाज़ दर्ज ए इजतेहाद तक आप के दर्स में हाज़िर होते रहे दर हकीक़त शहीद सद्र ने नुमायाँ तुल्लाब की दो नस्ल को तरबीयत दी,