फ़ातेमा ज़हरा(अ)
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा उम्महातुल मोमिनीन की नज़र में
- में प्रकाशित
ख़ुदावन्दे आलम ने बज़्मे इंसानी के अंदर हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम से बेहतर किसी को ख़ल्क नहीं फरमाया।
अल्लाह तआला ने हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स. को हमारे लिए आइडियल क्यूं बनाया है?
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- स्रोत:
- wilayat.in
आपने हज़रत अली अ. से वसीयत की थी कि आपको रात में ग़ुस्ल दें, रात में कफ़न पहनाएं और रात ही में दफ़्न करें और जिन लोगों नें उन्हें दुख पहुँचाया था उनको जनाज़े में (अंतिम संस्कार) न आने दें
जनाबे ज़हरा(स)की सवानेहे हयात
- में प्रकाशित
उन की शख़्सियत पर रिसालत को नाज़ है और मुख़्तसर यह कि उन पर शीईयत को नाज़ है।
जनाबे फ़ातेमा ज़हरा के दफ़्न के मौक़े पर इमाम अली का खुत्बा
- में प्रकाशित
मेरी तरफ़ से और आपकी उस दुख़्तर की तरफ़ से जो आपके जवार में नाज़िल हो रही है और बहुत जल्दी आप से मुलहक़ हो रही है।
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा का मरसिया
- में प्रकाशित
जैसे ही पैग़म्बरे इस्लाम ने इस संसार से अपनी आखें मूंदी, मुसीबतें आना आरम्भ हो गईं, और इन मुसीबतों का सिलसिला एक के बाद एक बढ़ता ही चला
रसूले अकरम की इकलौती बेटी
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- लेखक:
- मौलाना नजमुल हसन कर्रारवी
- स्रोत:
- चौदह सितारे
मुनाक़िब इब्ने शहर आशोब में है कि जनाबे ख़दीजा के साथ जब आं हज़रत (स.अ.व.व) की शादी हुई तो आप बाकरह थीं। यह तसलीम शुदा अमर है कि क़ासिम अब्दुल्ला यानी तैय्यब व ताहिर और फातेमा ज़हरा बतने ख़दीजा से रसूले इस्लाम की औलाद थीं....
आयतुल्ला ख़ुमैनी की द्रष्टि से हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा
- में प्रकाशित
आपका नूर मानव जात की पैदाइश से हज़ारों वर्ष पहले ख़ल्क़ हुआ
सुन्नियों की पुस्तकें और फ़ातेमा ज़हरा (स) की महानता
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- लेखक:
- सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी
निःसंदेह फ़ातेमा मेरा टुकड़ा है, जो चीज़ उसे परेशान करती है वह मुझे परेशान करती है जो उसे पीड़ा देती है वह मुझे पीड़ा देती है।
हज़रते ज़हरा स0 का अक़्द और उसके इम्तेयाज़ात
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- लेखक:
- मौलाना सैय्यद बेज़ाअत हुसैन ज़ैदपूरी
बग़ैर औरत की मरज़ी के शादी करना ज़ुल्म है।
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) की इबादतों पर हक़्क़ानीयत को नाज़ है
- में प्रकाशित
जैसे जैसे हज़रत फ़ातेमा (स) बड़ी होती गई उन के औसाफ़ व कमालात नुमायां होते चले गये
ख़ुतब ए फ़िदक
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- लेखक:
- अनुवादकः सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी
जिस दिन तक आप जीवित थे मेरी हिमायत और समर्थन करने वाला था और मैं सुकून के साथ आती जाती थी और आप मेरे बाज़ू और सहायक थे,
मुसहफ़े फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाहे अलैहा
- में प्रकाशित
अहलेबैत (अ) से नक़्ल होने वाली रिवायतों में से कुछ रिवायतों में हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाहे अलैहा के मुसहफ़ की बात कही गई
हज़रत फ़ातेमा की शहादत
- में प्रकाशित
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा के व्यक्तित्व ऐसे गुणों से सुसज्जित हैं कि कोई और महिला उनके स्तर तक पहुंचती ही नहीं।
फ़िदक के छीने जाने पर फ़ातेमा ज़हरा (स) की प्रतिक्रिया
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- लेखक:
- (सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी)
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) ने कहा कि फ़िदक मुझे वापस दे दो, रसूल ने फ़िदक मुझे दिया था।
फ़िदक और हज़रत फ़ातेमा ज़हरा
- में प्रकाशित
इस बहस में सबसे पहली बात या प्रश्न यह है कि फ़िदक क्या है? और क्यों फ़िदक का मसला महत्वपूर्ण है? यह फ़िदक मीरास था या एक उपहार था? जिसमें पैग़म्बर को आदेश दिया गया था कि फ़ातेमा को दिया जाए।
विलायत के आसमान पर हिदायत का तारा
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- सुप्रीम लीडर के बयान की रौशनी में
फ़ातिमा ज़हरा मोहद्देसा थीं। यानी फ़रिश्ते उनके पास आते थे, आपके साथ बातें करते थे। किसी भी शिया या सुन्नी नें इस बात को ग़लत नहीं बताया है क्योंकि दोनों के उल्मा इस बात को मानते हैं
हज़रत अली (अ.स.) की नज़र में हज़रते ज़हरा
- में प्रकाशित
इमाम ने जवाब दिया, फातिमा अल्लाह की इताअत में सबसे अच्छी मददगार हैं।
हज़रत मोहसिन की शहादत
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- बुशरा अलवी
हज़रत मोहसिन की शहादत कैसे हुई। शिया और सुन्नी किताबो से...
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) के फ़ज़ायल
- में प्रकाशित
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा(स) उन हज़रात में से हैं जिनकी मवद्दत और मुहब्बत तमाम मुसलमानों पर वाजिब की गई है