विभिन्न
ईश्वरीय वाणी-4
- में प्रकाशित
जी हां हमें यह पता है। पैग़म्बरे इस्लाम ने कहा कि हज़रत ईसा उस वस्तु के अतिरिक्त जो ईश्वर ने उन्हें सिखाया था,
ईश्वरीय वाणी-2
- में प्रकाशित
सदाचारियों की वैचारिक व व्यवहारिक विशेषताओं का उल्लेख करता है और बल देता है कि ऐसे लोग मार्गदर्शन पर हैं और मुक्ति पाने वाले हैं।
ईश्वरीय वाणी-1
- में प्रकाशित
पवित्र क़ुरआन के सूरों की पहचान की चर्चा में जो विषय महत्त्वपूर्ण है वह मक्की और मदनी सूरों की पहचान है
क़ुरआन की फेरबदल से सुरक्षा
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- आयतुल्लाह मिस्बाह यज़्दी
- स्रोत:
- इस्लाम के मूल सिध्दांत
ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित एक तर्क द्वारा क़ुरआन की सुरक्षा को सिध्द किया जा सकता है
क्या शियों का मानना है कि क़ुरआने करीम में तहरीफ़ (परिवर्तन) हुई है??
- में प्रकाशित
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- स्रोत:
- vilayat.in
अर्थ में परिवर्तन यह है कि आसमानी किताब की आयतों और वाक्यों के ग़लत अर्थ बयान किए जाएं जिसे पारिभाषिक ज़बान में “तफ़सीर बिर् राए” कहा जाता है।
कुरआने करीम से तमस्सुक
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली खामेनेई
- स्रोत:
- नबा कुरआनी जरीदा
कुरआन हिकमत की किताब है, कुरआन इल्म की किताब है। किताबे हयात है। उम्मतो और क़ौमो की हक़ीक़ी हयात क़ुरआन के मआरिफ और उसके अहकाम पर अमल पैरा होने मे है....
वादा और अमानत
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- डॉ. अनवर जमाल
और अपनी प्रतिज्ञाओं का पालन करो, निःसंदेह प्रतिज्ञा के विषय में जवाब तलब किया जाएगा।
क़ुरआन की फेरबदल से सुरक्षा भाग 2
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- आयतुल्लाह मिस्बाह यज़्दी
- स्रोत:
- इस्लाम के मूल सिध्दांत
निश्चित रूप से स्मरण को उतारा है और हम ही उसकी सुरक्षा करने वाले हैं।
ईश्वरीय वाणी-6
- में प्रकाशित
ईमान रखने वाली महिलाओं से विवाह को एक स्थिर व स्वस्थ परिवार का आरंभिक बिन्दु कहा गया है
ईश्वरीय वाणी-4
- में प्रकाशित
सूरए आले इमरान की सातवीं आयत, मोहकम अर्थात क़ुरआनी आयतों को स्पष्ट व ठोस तथा मुतशाबेह अर्थात मिलती जुलती आयतों की ओर विभाजित करती हैं।
संतान प्राप्ति हेतु क़ुरआनी दुआ
- में प्रकाशित
सारे आसमान व ज़मीन की पोशीदा बातों का इल्म ख़ास ख़ुदा ही को है और उसी की तरफ हर काम हिर फिर कर लौटता है तुम उसी की इबादत करो और उसी पर भरोसा रखो और जो कुछ तुम लोग करते हो उससे ख़ुदा बेख़बर नहीं.
क्या क़ुरआन क़ानून की किताब है?
- में प्रकाशित
क़ुरआने मजीद के तालीमात व मक़ासिद का कुल ख़ुलासा तख़लीक़ व तालीम में मुन्हसिर है।
क़ुरआने मजीद और अख़लाक़ी तरबीयत
- में प्रकाशित
सख़्त तरीन हालात में क़ुव्वते बर्दाश्त का बाक़ी रह जाना एक बेहतरीन अख़लाक़ी सिफ़त है
क़ुरआने मजीद और विज्ञान
- में प्रकाशित
सूरए शोराअ की आयत न.7 में उल्लेख किया गया है कि क्या इन लोगों ने पृथ्वी की ओर नही देखा कि हमने किस तरह अच्छी अच्छी चीज़े ऊगाई हैं।
पवित्र क़ुरआन और धर्मांधियों का क्रोध
- में प्रकाशित
पवित्र क़ुरआन ज्ञान को अपने बारे में निर्णय का आधार बताता है और सबकों उसमें चिंतन का निमंत्रण देता है।
क़ुरआन पढ़ते ही पता चल गया कि यह ईश्वरीय ग्रंथ है।
- में प्रकाशित
उन्होंने जून वर्ष 2005 में हज़रत फ़ातेमा के चरित्र के आयामों पर होने वाली अंतर्राष्ट्रीय कांफ़्रेस में भाग लेने के लिए ईरान की यात्रा की थी।
आयतुल कुर्सी
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- मज़हर अली
दादी माँ ने ही उसे क़ुरआन पढ़ना सिखाया था और सूर-ए-हम्द, इन्ना आतैना और क़ुल हुवल्लाह याद कराने के बाद आयतलकुर्सी भी याद कराई थी।
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