विभिन्न
दुआ और उसकी शर्तें
- में प्रकाशित
ख़ुदा को पुकारना है तो उस तरीक़े से पुकारो जो उसने बताया है, और यही वह स्थान है जब हमको अहलेबैत (अ.) की दुआओं का महत्व समझ में आता है कि
सहीफ़ए सज्जादिया का परिचय
- में प्रकाशित
सहीफ़ए सज्जादिया जिसे, उख़्तुल क़ुरआन यानी क़ुरआने मजीद की बहन कहा जाता है इमाम ज़ैनुल आबेदीन अ. की वह दुआएं हैं जो आपने अपनी पूरी ज़िन्दगी ख़ास तौर से कर्बला के बाद पैंतीस साल तक के ज़माने की हैं। इस महान किताब के बारे में आयतुल्लाह सय्यद अली ख़ामेनाई की ज़बानी कुछ बातें उदाहरण के लिये पेश करते हैं।
दुआ कैसे की जाए
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी
- स्रोत:
- tvshia.com
तुम लोग मुझसे दुआ मांगों में तुम्हारी दुआ को स्वीकार करने वाला हूँ
इंसान की आज़ादी
- में प्रकाशित
हुस्न व क़ुब्हे अक़ली को क़बूल करना और इंसान की अक़्ल को ख़ुद मुख़्तार मानना बहुत से हक़ाइक़,उसूले दीन व शरीअत,नबूवते अम्बिया व आसमानी किताबों के क़बूल के लिए ज़रूरी है
अरफ़ा, दुआ और इबादत का दिन
- में प्रकाशित
अरफ़े के दिन विशेष उपासना एवं इबादत का उल्लेख किया गया है, रोज़ा रखना, ग़ुस्ल करना अर्थात विशेष स्नान करना,