अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

विभिन्न

इस्लाम धर्म की खूबी

इस्लाम धर्म की खूबी

'उस ने तुम्हारे लिए धर्म का वही रास्ता निर्धारित किया है जिस को अपनाने का नूह को आदेश दिया था और जिसकी (ऐ मुहम्मद!) हम ने तुम्हारी ओर वह्य भेजी है और जिसका इब्राहीम, मूसा और र्इसा को आदेश दिया था

अधिक पढ़ें

क्या हम वास्तव में शिया हैं?

क्या हम वास्तव में शिया हैं? हे शियों!  तुम हमसे जुड़े हो तो हमारे लिये इज्ज़त का कारण बनों जिल्लत का नहीं।

अधिक पढ़ें

अहलेबैत (अलैहिमुस्सलाम) से तवस्सुल

अहलेबैत (अलैहिमुस्सलाम) से तवस्सुल जिस प्रकार ख़ुदा के पैग़म्बर समस्याओं और परेशानियों में ख़ुदा के सामने अहलेबैत (अ) को अपना माध्यम बनाते थे और उनके नाम का वास्ता देकर पुकारते थे, उसी प्रकार हमको भी अपनी मुश्किलों और कठिनाइयों (कि जिस में हमारी सबसे बड़ी मुश्किल इमामे ज़माना (अ) की ग़ैबत है) मे इन मासूमों को ख़ुदा को वास्ता देकर पुकारें।

अधिक पढ़ें

शेख़ शलतूत का फ़तवा

शेख़ शलतूत का फ़तवा इस्लाम धर्म ने अपने अनुयाईयों में से किसी को भी किसी ख़ास धर्म का अनुसरण करने के लिए बाध्य नही किया है  

अधिक पढ़ें

मलंग कौन शिया या सुन्नी

मलंग कौन शिया या सुन्नी अभी कुछ दिनों से यह सुनने में आ रहा है की शियो में कुछ जवान अपने आप को मलंग कहने लगे हैं  सुनने में ये भी आया है की कुछ लोग उनमे से सिरिया गए थे वहां से अपने कानो में बुँदे पहन कर वापस आये और आने के बाद अपने बारे में  मलंग होने का एलान कर रहे हैं।

अधिक पढ़ें

शहादते सालेसा और नमाज़

शहादते सालेसा और नमाज़ शहादत सालेसा का नमाज़ में पढ़ना कैसा है यह समझने के लिये हमें यह देखना होगा की शहादते सालेसा खुद क्या है ?

अधिक पढ़ें

पैग़म्बरों व आइम्मा की क़ब्रों की ज़ियारत

पैग़म्बरों व आइम्मा की क़ब्रों की ज़ियारत

अधिक पढ़ें

मक़सदे ख़िलक़त

मक़सदे ख़िलक़त

अधिक पढ़ें

हज

हज 9 ज़िल्हिज्ज को जो अरफ़े का दिन है, प्रार्थना का दिन कह सकते हैं। विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिन्हें हज करने और अरफ़ात के मरूस्थलीय मैदान में उपस्थित होने का सुअवसर मिला है

अधिक पढ़ें

अद्ल

अद्ल उसूले दीन में अद्ल को तौहीद के बाद शुमार किया जाता है। अद्ल से मुराद यह है कि अल्लाह आदिल (इंसाफ़ वाला) है और किसी पर ज़ुल्म नही करता। ख़ुदा वंदे आलम अद्ल, नबुव्वत, इमामत, क़यामत, जज़ा (ईनाम) व सज़ा, अहकाम की हिकमतों और तमाम कामों से मुतअल्लिक़ है लिहाज़ा अगर ख़ुदा के अदल को न माना जाये को बहुत से इस्लामी मसायल हल नही हो पायेगें।

अधिक पढ़ें

क़ज़ा व क़दर अर्थात भाग्य पर विश्वास के प्रभाव

क़ज़ा व क़दर अर्थात भाग्य पर विश्वास के प्रभाव  तुम पर जब भी  कोई मुसीबत आती है तो वह स्पष्ट रुप से किताब मे लिखी हुई होती ................................

अधिक पढ़ें

पाप या ग़लती का अज्ञानता व सूझबूझ से गहरा संबंध

पाप या ग़लती का अज्ञानता व सूझबूझ से गहरा संबंध ईश्वरीय दूतों का इस लिए पापों से दूर रहना आवश्यक है क्योंकि यदि वे लोगों को पापों से दूर रहने की सिफारिश करेगें किंतु स्वंय पाप करेंगे तो उनकी बातों का प्रभाव नहीं रहेगा जिससे उनके आगमन का उद्देश्य ही समाप्त हो जाएगा।

अधिक पढ़ें

इस्लाम और सेक्योलरिज़्म एक तुलनात्मक जाएज़ा

इस्लाम और सेक्योलरिज़्म एक तुलनात्मक जाएज़ा इस्लाम और सिक्योलरिज़्म आज की दुनिया के दो महत्वपूर्ण दृष्टिकोण (नज़रियात) हैं और इन्हीं की वजह से आज दुनिया दो गुरूप में विभाजित है।

अधिक पढ़ें

क़ब्रे पैग़म्बर व आइम्मा की ज़ियारत

क़ब्रे पैग़म्बर व आइम्मा की ज़ियारत यह बात क़ाबिले ग़ौर है कि ज़ियारत को इबादत नही समझना चाहिए

अधिक पढ़ें

अज़मते काबा क़ुरआन के आईने में

अज़मते काबा क़ुरआन के आईने में पहला घर जो लोगों की इबादत के लिये मुक़र्रर किया गया था वह यही है बक्का में, जो बा बरकत और सारे

अधिक पढ़ें

ईश्वर को कहां ढूंढे?

ईश्वर को कहां ढूंढे? मनुष्य के पैदा करने का उद्देश्य बताया गया है अर्थात ईश्वर की उपासना को जीवन का ध्येय

अधिक पढ़ें

आपका कमेंन्टस

यूज़र कमेंन्टस

कमेन्ट्स नही है
*
*

अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क