हज़रत अली (अ.स.) की नज़र में हज़रते ज़हरा
शादी के अगले दिन जब पैगंबर ने अली (अ.स.) से पूछा:ऐ अली तुमने मेरी बेटी जहरा को कैसा पाया? इमाम ने जवाब दिया, फातिमा अल्लाह की इताअत में सबसे अच्छी मददगार हैं।
अमीरुल-मोमनीन(अ.स.)फ़रमाते हैं: फातिमा कभी भी मुझसे नाराज़ नहीं हुईं और न मुझको नाराज़ किया।
जब भी मै उनके चेहरे पर नज़र करता हूं मेरे सभी दुख सुलझ जाते हैं और सारी तकलीफ़ें दूर हो जाती हैं।
न उन्हों ने कभी मुझे क्रोधित किया और न कभी मैने उनको रसूल्लाह स.व. फ़रमाते हैं अगर अली न होते तो फ़ातिमा के कोई बराबर न होता।