शियों के अहले सुन्नत से सवाल 2
9-आप कहते हैं कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम खलीफ़ाओं को स्वीकार किया करते थे।परन्तु आदरनीय उमर कहते हैं कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम हमको झूटा,पापी व धोखे बाज़ मानते थे।( सहीह मुस्लिम किताबुल जिहाद वस्सैर बाबुल फ़ै एक लम्बी हदीस के अन्तर्गत) अब आप बताऐं कि आदरनीय उमर सत्य कहते हैं या आप?
10-दूसरे खलीफ़ा ने अपने देहान्त से पहले छः व्यक्तियों की एक कमैटी बना दी तथा कहा कि इनमे से जिसको चाहना खलीफ़ा बना लेना यह छः के छः व्यक्ति खिलाफ़त की योग्यता रखते हैँ। बाद मे कहा कि अगर इन मे से कोई इस का विरोध करे तो उसकी हत्या कर देना। अब आप बताऐं कि खिलाफ़त पद की योग्यता रखने वाले व्यक्ति की हत्या किस प्रकार जायज़ हो सकती है?
11-पैगम्बर(स0) का सहाबी होना व्यक्ति की अपनी सामर्थ्य मे है या नही? अगर अपनी सामर्थ्य मे नही है तो सहाबा के कार्यो को इतनी महत्ता क्यो दी जाती है
12-केवल पैगम्बर (स0) को देखने मे ऐसा कौनसा गुण है कि जिसने एक बार देख लिय़ा वह आदिल, सितारे के समान तथा हिदायत का साधन बन गया?
13-आप कहते हैं कि सभी सहाबी आदिल थे। जबकि बुखारी लिखते हैं कि वलीद पुत्र उक़बाह सहाबी ने शराब पी।(सहीह बुखारी किताब फ़ज़ाइले असहाबुन नबी(स0) बाब मनाक़िबे उस्मान बिन उफ़्फ़ान75/5 प्रकाशित दारूल क़लम बैरूत) अब आप बताऐं कि आप झूट बोलतें हैं या बुखारी ने झूट बोला है? या शराब पीने से अदालत को कोई नुक़सान नही पहुँचता?
14-आप कहते हैं कि अल्लाह ने सहाबा के गुनाह जैसे जंगे(युद्ध) ओहद से फ़रार(भागना) आदि को क्षमा कर दिया है। अगर अल्लाह ने एक शराब पीने वाले, झूट बोलने वाले,व हत्या करने वाले के गुनाह को क्षमा कर दिया तो क्या इसका अर्थ यह है कि उसने कोई गुनाह नही किया व वह सदैव आदिल रहा?और अगर यह सत्य नही है तो अगर यह मान भी लिय़ा जाये कि कुछ सहाबा के गुनाहों को अल्लाह ने क्षमा कर दिया है तो गुनाहों को क्षमा कर देना इस बात को कहाँ सिद्ध करता है कि वह आदिल और उनके द्वारा वर्णित समस्त हदीसें विश्वसनीय है?
15-आप कहते हैं कि समस्त सहाबा(वह मुसलमान जिस ने पैगम्बर को देखा) सत्यवादी थे। अतः उन्होने पैगम्बरों के जिन कथनो का वर्णन किया है उनको निःसंकोच स्वीकार कर लेना चाहिए।
जबकि कुऑन कहता है कि इन मुसलमानो(असहाब)ने पैगम्बर की पत्नि पर अवैध सम्बन्ध रखने का इलज़ाम लगाया। सूरए नूर आयत 11
क्या ऐसे मुसलमान(असहाब) भी सत्यवादी थे ?
16-कुऑन कहता है कि अगर कोई फ़ासिक़ व्यक्ति तुम्हारे पास कोई सूचना ले कर आये तो उस सूचना के सम्बन्ध मे छान बीन करो। सूरए हुजरात आयत न.6, आपकी तफ़सीर रूहुल मआनी मे इस आयत के सम्बन्ध मे लिखा है कि क्योंकि वलीद पुत्र उक़बा नामक सहाबी ने पैगम्बर से झूट बोला था इस सम्बन्ध मे यह आयत नाज़िल(उतरी) हुई। अब आप बताऐं कि वलीद पुत्र उक़बा नामक सहाबी को झूटा स्वीकार करते हो या अपने मुफ़स्सेरीन को झूटा मानते हो?
17-आप कहते हैं कि पैगम्बर ने कहा कि “मेरे असहाब सितारों के समान हैं तुम जिसका भी अनुसरन करोगे हिदायत प्राप्त कर लोगे।” परन्तु सहीह बुखारी किताब फ़ज़ाइल असहाबुन नबी, बाब मनाक़िबे उस्मान बिन उफ़्फ़ान 75/5 मे लिखा है कि वलीद पुत्र उक़बा नामक सहाबी ने शराब पी तथा आदरनीय उस्मान ने उनको अस्सी कोड़े मारने की अज्ञा दी। अब आप बताऐं कि अगर कोई वलीद पुत्र उक़बा नामक सहाबी का अनुसरन करते हुए शराब पिये तो क्या वह भी हिदात प्राप्त किये हुए है?
18-खालिद पुत्र वलीद नामक सहाबी ने मालिक पुत्र नुवैरा नामक सहाबी को कत्ल किया। तथा उसी रात्री उनकी पत्नी के साथ बलात्कार किया।(अल कामिल फ़ित्तारीख नामक किताब मे सन् 11 हिजरी क़मरी की घटनाओं का उल्लेख करते हुए हदीसे सक़ीफ़ा व खिलाफ़ते अबु बकर359/2 के अन्तर्गत उपरोक्त कथन का उल्लेख किया गया है।) अब आप बताऐं कि अगर कोई व्यक्ति खालिद पुत्र वलीद नामक सहाबी का अनुसरन करते हुए किसी की हत्या करके उसकी पत्नी के साथ बलात्कार करे तो क्या वह भी हिदायत प्राप्त किये हुए है?
जारी है.......