लेख
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क़ुरआने करीम
लेख: 1, सारी कैटिगिरी: 5 -
अक़ीदे
सारी कैटिगिरी: 8 -
रसुले अकरम व अहले बैत
सारी कैटिगिरी: 16 -
हदीस
लेख: 1, सारी कैटिगिरी: 4 -
अहकाम
सारी कैटिगिरी: 8 -
इतिहास
सारी कैटिगिरी: 6 -
परिवार व समाज
सारी कैटिगिरी: 3 -
अख़लाक़ व दुआ
लेख: 16, सारी कैटिगिरी: 4 -
शेर व अदब
सारी कैटिगिरी: 2
इमाम हुसैन के बा वफ़ा असहाब
- में प्रकाशित
मैंने अपने असहाब से आलम और बेहतर किसी के असहाब को नही पाया।
इमाम हुसैन नें बैअत क्यों नहीं की
- में प्रकाशित
इस में कुछ शक नही कि इमाम हुसैन (अ) ने बैअते यज़ीद के साथ निहायत सख़्ती से इंकार किया क्यो कि इमाम (अ) जानते थे
जनाबे ज़ैनब का भाई की लाश पर रोना
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- सैय्यद इब्ने ताऊस
- स्रोत:
- लहूफ
या मौहम्मद ऐ जददे बुर्जुगवार आप पर आसमान के फरिशते दरुद भेजते है और ये आप हुसैन है कि जो रेत पर अपने खून मे ग़लता है। इसके आज़ा एक दुसरे से जुदा हो चुके है और ये तेरी बेटियाँ है जो क़ैदी बनी हुई है।
शहादत इमाम हुसैन मानव इतिहास की बहुत बड़ी त्रासदी
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- प्रोफेसर अख्तरुल वासे
- स्रोत:
- (उर्दू से अनुवाद- समीउर रहमान, न्यु एज इस्लाम)
इस महीने के विचार से बुनियादी स्तर पर जुड़ी हैं: लोग रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम के मदीना हिजरत और रसूलुल्लाह के दूसरे नवासे हज़रत हुसैन रज़ियल्लाहू अन्हू की कर्बला में शहादत।
ज़ैनब बिन्ते अली , कर्बला की नायिका
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- सैयद ताजदार हुसैन ज़ैदी
“हज़रत ज़ैनब, महिलाओं में सबसे अधिक महान और उनकी फ़ज़ीलत इससे कहीं अधिक है कि उसको बयान किया जा सके या क़लम उसके लिख सके”।
हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा
- में प्रकाशित
अथाह ज्ञान से संपन्न परिवार में जीवन ने उनके सामने ज्ञान के द्वार खोल दिए थे।
इमाम अली अ.स. एकता के महान प्रतीक
- में प्रकाशित
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- स्रोत:
- wilayat .in
जब इमाम अली अ.स. से एक यहूदी ने इमामत और ख़िलाफ़त पर आपत्ति जताते हुए कटाक्ष किया कि तुम लोगों ने अपने पैग़म्बर स.अ. को दफ़्न करने से पहले ही उनके बारे में मतभेद शुरू कर दिए, तो आपने जवाब दिया कि, हमारा मतभेद पैग़म्बर स.अ. को लेकर बिल्कुल नहीं था, बल्कि हमारा मतभेद उनकी हदीस के मतलब को लेकर था, लेकिन तुम यहूदियों के पैर दरिया से निकल कर सूखे भी नहीं थे और तुम लोगों ने हज़रत मूसा अ.स. से कह दिया था कि बुत परस्तों की तरह हमारे लिए भी ख़ुदा का प्रबंध करो और फिर जवाब में हज़रत मूसा अ.स. ने तुम लोगों के बारे में कहा था कि तुम लोग कितने जाहिल और अनपढ़ हो।
इस्लाम की पहली शहीद खातून
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी
जिस वक्त अबुजहले लानती जनाबे सुमय्या के सीने मे नेज़ा मार रहा था तो जनाबे सुमय्या फख्र के साथ ये जुमला कह रही थी हमने अपने रास्ते को पा लिया और मौहम्मद (स.अ.व.व) पर ईमान ले आऐ और उनकी रहबरी को क़ुबुल कर लिया और कभी अपने ईमान और मकसद को खत्म नही होने देंगे।