अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

सजदा 2

सजदा 2

एल्बम: अहकाम (इबादात)

इस प्रोग्राम मे मौलाना साहब ने नमाज के वाजेबात के बारे मे बात करते हुऐ बताया सजदे मे इंसान कोई भी ज़िक्र पढ़ सकता है लेकिन कम से कम तीन बार सुब्हान अल्लाह कहना वाजिब है और जान-बूझ कर सजदे छोड़ने के हुक्म को बयान किया।


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